चाँद भी सो गया रात के आगोश में, ऊजाला लेने लगा उबासियां, चाँद भी सो गया रात के आगोश में, ऊजाला लेने लगा उबासियां,
नए दौर के इस हालात में, मैं पुराने ख़यालात ढूंढ रही हूं। नए दौर के इस हालात में, मैं पुराने ख़यालात ढूंढ रही हूं।
फागुन के रंग में रंग जाओ, इस बरस तुम आओ मेरे अँगना। फागुन के रंग में रंग जाओ, इस बरस तुम आओ मेरे अँगना।
जब से छोड़ा शरीर ने साथ निभाना मेरा सांवरा सैंया बनाए प्यार से खाना, जब से छोड़ा शरीर ने साथ निभाना मेरा सांवरा सैंया बनाए प्यार से खाना,
औरत अपने अस्तित्व, की तलाश में, खोजती रहती है, कुछ अनजाने पथ। औरत अपने अस्तित्व, की तलाश में, खोजती रहती है, कुछ अनजाने पथ।
सारा देश इक-जुट हो तब होता है खड़ा हर बहू - बेटी के मान की ख़ातिर , बस बातों मे , ब सारा देश इक-जुट हो तब होता है खड़ा हर बहू - बेटी के मान की ख़ातिर , बस ब...